
आप सभी अवगत है कि पूरा विश्व कोरोना से ग्रसित है। परिणाम स्वरूप अर्थव्यवस्था एवं विशेषकर बैंकिंग संरचना पर इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के उर्जावान नेतृत्व में इस विपरित परिस्थितियों के बावजूद छ.ग. में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गो-धन न्याय योजना एवं सर्मथन मूल्य पर धान खरीदी जैसे कृषक हितैषी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया गया है। किसानों का, किसानों के लिए, किसानों द्वारा निर्मित छ.ग. की भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अपने गठन के दस दिवस के भीतर ही वादा निभाते हुए किसानों का कर्ज माफी कर दिया। भूपेश सरकार इस दिशा में निरन्तर प्रयासरत है कि छत्तीसगढ़ के किसानों की आमदानी को दोगुना किया जावें। छ.ग. की अर्थव्यवस्था खेती आधारित है। किसानों, आदिवासियों एवं महिलाओं के आमदनी का मुख्य जरिया खेती-बाड़ी के अलावा वनोपज संग्रहण, मछली पालन, पशुपालन एवं कुटीर उद्योग है। किसानों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार ने नरूवा, गरवा, धुरवा और बाड़ी पर आधारित कार्ययोजना का मैदानी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन किया है। भूपेश सरकार का लक्ष्य यहां के जल, जंगल और जमीन पर छ.ग. के निवासियों का हित सुरक्षित रखना है साथ ही किसानों, आदिवासियों एवं महिलाओं को न्याय, स्वाभिमान एवं स्वालम्बन का जिन्दगी उपलब्ध कराना है। धान की अनुकूल पैदावारी एवं सरकार की बेहतर उर्पाजन नीति से यहां के किसानों की दशा में सुधार हुआ है। गौपालकों, किसानों एवं खेतीहर मजदूरों से गौठानों में गोबर विक्रय किया जा रहा है और सरकार द्वारा सहकारी बैंकों के माध्यम से इन हितग्राहियों के बचत खातें में राशि का तत्काल भुगतान भी किया जा रहा है। खरीदे गये गोबर से महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन तथा पैकेजिंग किया जाने लगा है। वर्मी कम्पोस्ट से जैविक खेती एवं पशुधन को बढ़ावा मिलेगा। मिट्टी का कुदरती गुणों में इजाफा होगा। अब किसानों को वर्मी कम्पोस्ट क्रय हेतु समितियों से किसान क्रेडिट कार्ड अंतर्गत ब्याज रहित ऋण की सुविधा है । महिलाएं गोबर से दिया निर्मित कर आत्मनिर्भर बन रही है और दीपावली में छत्तीसगढ़ को रोशन करेंगी। सरकार की इन कल्याणकारी नीतियों से ग्रामीण जीवन की तस्वीर बदलने लगी है। धान खरीदी व्यवस्था को अधिक सुगम एवं व्यवस्थित बनाये जाने के लिए उपार्जन केन्द्रों में फड़, चबुतरा, शेड एवं गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। सरकार द्वारा 1333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को पुर्नगठन कर 725 नवीन समितियों का गठन किया गया है। इस तरह अब प्रदेश में कुल 2058 प्राथमिक सोसाइटियां है। इससे प्रदेश के किसानों को और सुगमता से ऋण तथा खाद-बीज उपलब्ध होगा। किसानों के बचत खातें में धान उपार्जन एवं गोबर विक्रय की राशि अविलंब हस्तांतरण हों इसके लिए पारदर्शी एवं मजबूत साफ्टवेयर माड्यूल निर्मित किये है। भूपेश सरकार की धान एवं गन्ना से एथेनाल उत्पादन की एक एैसी अभिनव योजना है जिससे छ.ग.की मजबूत अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी कदम साबित होगा। कांग्रेस सरकार किसानों के साथ है और सदैव ही किसानों के तरक्की के लिए काम करते रहेगी।